शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन को लेकर आया नया अपडेट, जानिए क्या
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सत्य खबर, चण्डीगढ़ ।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। मंगलवार को हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। उन्होंने याचिकाकर्ता को कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट जाकर अपना पक्ष रखे। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली। इस दौरान पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार के वकील मौजूद रहे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी कल बॉर्डर खोलने की याचिका खारिज कर दी थी।
हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर किसानों का एक भी चूल्हा नहीं जलेगा। यहां सभी किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ पूरे दिन भूख हड़ताल पर हैं। पूरे दिन मोर्चे पर लंगर (खाना) तैयार नहीं होगा। आसपास के गांवों के लोगों को भी मोर्चे पर लंगर न लाने को कहा गया है। शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं की मीटिंग चल रही है, जिसमें दिल्ली कूच पर फैसला हो सकता है। शाम को किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
वहीं किसान नेता सरवण पंधेर और अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि डल्लेवाल की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। उनका मरणव्रत 15वें दिन में दाखिल हो गया है। उन्हें स्टेज पर आने में भी दिक्कत आ रही है। किडनी और लिवर पर असर पड़ रहा है।
डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि उनका ब्लड प्रेशर 124/95, शुगर 93, पल्स 87 है। वहीं वजन 11 किलो कम हो चुका है।
मंगलवार को किसानों ने शंभू बॉर्डर पर सफाई अभियान चलाया। सरवन पंधेर का कहना है कि जो पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे, उनका असर अभी भी है। किसानों ने बॉर्डर पर फैली गंदगी को साफ किया।
डल्लेवाल की सेहत की तंदुरूस्ती के लिए 11 दिसंबर को सभी गांवों में धार्मिक स्थलों पर किसान अरदास करेंगे। इसके लिए रणनीति बना ली गई है। किसानों ने मंच से आह्वान किया है कि अधिक से अधिक लोग मोर्चों पर पहुंचे, ताकि संघर्ष को तेज किया जा सके।